RBI की नई गाइडलाइंस: बंद और इनएक्टिव पड़े अकाउंट्स को लेकर बैंकों के लिए नए नियम, जानें क्या है नया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बंद और निष्क्रिय खातों (Dormant Accounts) से संबंधित नए नियम लागू किए हैं। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। इन नए निर्देशों के तहत, बैंकों को अब निष्क्रिय खातों की सुरक्षा और उनके उचित उपयोग के लिए नए मानदंडों का पालन करना होगा। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और इसका बैंकिंग प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ेगा

बंद और निष्क्रिय खातों से जुड़े नए नियम

RBI ने बैंकों के लिए निष्क्रिय खातों (Dormant Accounts) की पहचान और प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों के तहत:

  • निष्क्रिय खाते की परिभाषा: अगर किसी बैंक खाते में दो साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो उसे Dormant Account माना जाएगा।
  • बैंकों को नियमित रूप से समीक्षा करनी होगी: अब सभी बैंकों को हर छह महीने में निष्क्रिय खातों की समीक्षा करनी होगी।
  • ग्राहकों को सूचित करना अनिवार्य होगा: यदि कोई खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो बैंक को ईमेल, एसएमएस या फोन कॉल के माध्यम से खाताधारक को सूचित करना अनिवार्य होगा।
  • निष्क्रिय खातों की सुरक्षा: बैंक अब निष्क्रिय खातों की असामान्य गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखेंगे ताकि धोखाधड़ी और साइबर अपराधों से बचाव किया जा सके।
  • निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया: खाताधारकों को अपना निष्क्रिय खाता सक्रिय करने के लिए KYC प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य होगा।

बैंकों के लिए नए दिशानिर्देश

RBI ने बैंकों को बंद और निष्क्रिय खातों को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. निष्क्रिय खातों की नियमित ऑडिटिंग: सभी बैंकों को इन खातों की ऑडिटिंग हर तिमाही में करनी होगी
  2. खाताधारकों की पहचान और सत्यापन: बैंकों को अब खाताधारकों के KYC दस्तावेजों का पुनः सत्यापन करना होगा।
  3. ऑनलाइन धोखाधड़ी पर सख्त नियंत्रण: नए नियमों के तहत, बैंक को निष्क्रिय खातों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत RBI को देनी होगी
  4. निष्क्रिय खातों में जमा धनराशि की सुरक्षा: बैंक अब खाताधारकों को उनकी निष्क्रिय राशि की सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त पासवर्ड या OTP-आधारित सुरक्षा सुविधा प्रदान करेंगे।

ग्राहकों के लिए क्या बदलाव होंगे?

बैंकों के अलावा, नए दिशानिर्देशों का सीधा प्रभाव बैंक ग्राहकों पर भी पड़ेगा

  • निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया होगी सरल: अब खाताधारकों को बैंक शाखा जाने की आवश्यकता नहीं होगी, वे ऑनलाइन माध्यम से अपने खाते को पुनः सक्रिय कर सकेंगे
  • बैंकों से संवाद में सुधार होगा: बैंक अब ग्राहकों को समय-समय पर उनके खाते की स्थिति के बारे में सूचित करेंगे
  • धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी: नए सुरक्षा उपायों के कारण ग्राहकों के पैसे पर धोखाधड़ी की संभावना काफी कम हो जाएगी

बंद खातों के लिए नई गाइडलाइंस

RBI के नए नियमों के तहत बंद हो चुके बैंक खातों को लेकर भी नए दिशानिर्देश लागू किए गए हैं:

  • बंद खातों की निगरानी: बैंक को अब सभी बंद खातों का डेटाबेस तैयार करना होगा और नियमित रूप से इनकी समीक्षा करनी होगी।
  • बंद खाते से लेन-देन पर प्रतिबंध: यदि कोई खाता बंद हो चुका है, तो बिना उचित अनुमति के उस खाते से कोई भी लेन-देन नहीं किया जा सकेगा
  • ग्राहकों को सूचित करने की अनिवार्यता: बैंक को खाताधारक को बंद किए गए खाते की स्थिति के बारे में सूचित करना आवश्यक होगा

बैंकिंग सेक्टर पर प्रभाव

इन नए नियमों के लागू होने से बैंकिंग प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे:

  1. बैंकिंग सुरक्षा में वृद्धि: निष्क्रिय और बंद खातों पर सख्त निगरानी के कारण धोखाधड़ी और साइबर अपराधों में कमी आएगी
  2. ग्राहकों की सुविधा में सुधार: नए नियमों के तहत ग्राहकों को उनके खातों से संबंधित पूरी जानकारी नियमित रूप से मिलेगी
  3. बैंकों के कामकाज में पारदर्शिता: नए नियमों के कारण बैंकिंग प्रणाली अधिक पारदर्शी और जवाबदेह होगी

निष्कर्ष

RBI की नई गाइडलाइंस बैंकों और ग्राहकों दोनों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगी। निष्क्रिय और बंद खातों पर सख्त नियम लागू करने से बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। इन नए निर्देशों से ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा में वृद्धि होगी और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी

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